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सुश्री सुमा वर्गिस

सुश्री सुमा वर्गिस

सुश्री सुमा वर्गिस

डी एस एवं महानिदेशक - सूक्ष्म इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं संगणन प्रणाली (एमईडी एवं सीओएस)

विशिष्ट वैज्ञानिक सुश्री सुमा वर्गीस ने 1 जनवरी 2022 से डीआरडीओ में एम ई डी, सी ओ एस एंड सी एस (एम सी सी) के महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाला । उन्होंने 1988 में मैसूर विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर एवं रडार एंटीना मापन प्रणाली के क्षेत्र में विशेषज्ञता के बाद वर्ष 2000 में भारतीय विज्ञान संस्थान बैंगलोर से ई सी ई में एमएस (इंजीनियरिंग) की उपाधि प्राप्त की।

सुश्री सुमा वर्गीस वर्ष 1989 में वैज्ञानिक 'बी' के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स और रडार विकास प्रतिष्ठान (एल आर डी ई) डी आर डी ओ में शामिल हुईं और अक्टूबर 2015 में ओ एस/एस सी एच के पद तक पहुंचीं।

वह डी आर डी ओ के एक प्रमुख कार्यक्रम, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल प्रणाली (ए ई डब्ल्यू एवं सी) प्रोग्राम पर काम करने के लिए सितंबर 2004 में सेंटर फॉर एयरबोर्न प्रणाली (सी ए बी एस)में चली गईं। वर्ष 2017 में उन्होंने कार्यक्रम निदेशक ए ई डब्ल्यू एवं सी का पदभार संभाला और भारतीय वायु सेना को सफलतापूर्वक दो प्रणालियाँ प्रदान कीं, ऐसी संपत्तियाँ जो केवल कुछ अन्य देशों के पास हैं। भारतीय वायुसेना द्वारा इन्हें वर्ष 2017 से अपने परिचालन उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण रूप से उपयोग में लाया जा रहा है।

लगभग 33 वर्षों के अपने शानदार करियर के दौरान उन्होंने प्रथम स्वदेशी प्लानर नियर-फील्ड मापन सुविधा के विकास में योगदान दिया। आकाश रडार एंटीना के लिए चरणबद्ध सरणियों का मूल्यांकन करने के लिए इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था। इसके बाद एयरबोर्न समुद्री निगरानी रडार का सफल विकास हुआ।

विभिन्न परियोजनाओं हेतु एक परियोजना निदेशक के रूप में, उन्होंने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने पहला स्वदेशी एयरबोर्न एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एंटीना (ए ई एस ए) डिजाइन और विकसित किया। इसका उपयोग ए ई डब्ल्यू एवं सी प्रणाली में किया गया था, जिसे अब भारतीय वायुसेना द्वारा सराहनीय रूप से उपयोग किया जा रहा है। बहु-विषयक क्षेत्र में प्रशिक्षित होने के कारण, उन्होंने ए ई डब्ल्यू एवं सी प्रणाली के नेटवर्क केंद्रित संचालन की दिशा में अग्रणी मल्टीसेंसर डेटा फ़्यूज़न प्रणाली को सफलतापूर्वक डिजाइन और विकसित करने वाली टीम का नेतृत्व किया।

सुश्री सुमा वर्गीस ने सक्रिय ऐरे एंटीना मापन सुविधा, मिशन प्रणाली टेस्ट और इंटीग्रेशन रिग, एंटीना असेंबली रिग इत्यादि जैसी विभिन्न बुनियादी सुविधाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

कार्यक्रम निदेशक के रूप में ए ई डब्ल्यू एवं सी प्रणाली को सफलतापूर्वक विकसित और तैनात करने के बाद, उन्होंने भारतीय वायु सेना के लिए उन्नत विशिष्टताओं के साथ ए ई डब्ल्यू एवं सी एम के -II कार्यक्रम की मंजूरी प्राप्त करने के लिए काम किया।

ये एन आर डी सी राष्ट्रीय पुरस्कार, आई ई टी ई के जेसी बोस मेमोरियल पुरस्कार, आई ई टी ई के एम एन साहा पुरस्कार, डी आर डी ओ के पथ प्रदर्शक अनुसंधान और उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास पुरस्कार, डी आर डी ओ के आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए अग्नि पुरस्कार, डी आर डी ओ के प्रदर्शन उत्कृष्टता पुरस्कार जैसे विभिन्न पुरस्कारों की प्राप्तकर्ता हैं।

इनके आई ई ई ई, विली, आई ई टी ई, डी एस टी ए ई एस आई की पत्रिकाओं और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी विभिन्न प्रकाशन हैं। इन्होंने डी आर डी ओ के लिए विकसित किए गए कुछ उत्पादों के पेटेंट और कॉपी राइट्स में योगदान दिया है। वह आई ई ई ई की वरिष्ठ सदस्य और एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की आजीवन सदस्य हैं।

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