डॉ वाई श्रीनिवास राव
डॉ वाई श्रीनिवास राव
महानिदेशक (नेवल सिस्टम्स व मटेरियल्स)

डॉ वाई श्रीनिवास राव, विशिष्ट वैज्ञानिक को 17 मई 2023 से डीजी (एनएस एंड एम) के रूप में नियुक्त किया गया है। डॉ. वाई श्रीनिवास राव एक विशिष्ट वैज्ञानिक हैं जिन्होंने 31 मई 2021 को निदेशक, नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला के रूप में पदभार संभाला। वह जेएनटीयू, हैदराबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विशिष्ट योग्यता के साथ स्नातक हैं तथा उस्मानिया विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी हैं।

डॉ. श्रीनिवास राव ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत भेल, रामचंद्रपुरम, हैदराबाद में स्टीम टर्बाइन, सेंट्रीफ्यूगल कंप्रेशर्स और गैस टर्बाइन के निर्माण के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ के रूप में किया। वह गैस टर्बाइन से संबंधित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए कोर टीम के सदस्य थे और बीएचईएल और संबद्ध उद्योगों में गैस टर्बाइन निर्माण सुविधाओं की स्थापना के लिए जिम्मेदार थे।

बाद में वह 2000 में डीआरडीओ हैदराबाद में शामिल हो गए और मिसाइल रक्षा कार्यक्रम में विभिन्न क्षमताओं में काम किया। 21 वर्षों के कार्यकाल के दौरान इन्होने योजना और संविदा और सामग्री प्रबंधन के कार्यों के अलावा संचार प्रणालियों, मिसाइल प्रणालियों और विभिन्न हथियारों की तरह अनेक तकनीकों पर काम किया।

एक कोर मेंबर के रूप में वह मिसाइल रक्षा प्रणाली के समग्र विन्यास की अवधारणा से जुड़े थे। डॉ. श्रीनिवास राव ने पृथ्वी मिसाइल प्रणालियों के लिए पारंपरिक हथियारों के विकास, प्राप्ति और शामिल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्होने नौसेना अनुसंधान पोत डिजाइन, अवधारणा और निर्माण करने वाली टीमों का नेतृत्व किया।

एक्सो इंटरसेप्टर मिसाइल सिस्टम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में इन्होने एक्सो क्षेत्र में आने वाली मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम अत्याधुनिक 'हिट टू किल' इंटरसेप्टर मिसाइल सिस्टम के कॉन्फ़िगरेशन, विकास और अहसास में टीम का नेतृत्व किया। 11 फरवरी 2017 को किए गए मिसाइल परीक्षण में इस मिसाइल के संतोषजनक प्रदर्शन को एक जीवित लक्ष्य पर सीधे वार करके प्रदर्शित किया गया था।

मिशन शक्ति के एक हिस्से के रूप में इन्होने बहुत कम समय में इंटरसेप्टर वाहन के विकास और प्राप्ति के लिए परियोजना निदेशक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा कई चुनौतियों का सामना किया। विभिन्न तकनीकी टीमों के साथ पूरी बारीकी से हस्तक्षेप करते हुए, इन्होने अपनी टीम के सदस्यों के साथ उप प्रणालियों, प्राप्ति, योग्यता-परीक्षण, एकीकरण और चेकआउट के डिजाइन को अंजाम दिया। 27 मार्च 2019 को संपूर्ण गतिविधि एक सफल मिशन के रूप में समाप्त हुई।

डॉ. श्रीनिवास राव विभिन्न तकनीकी संस्थाओं में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं। वह एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया एईएसआई और इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के फेलो हैं। डॉ. राव इंटरनेशनल बैलिस्टिक सोसाइटी (आईबीएस), इंडियन नेशनल सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस एंड रिलेटेड मैकेनिज्म और सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस क्वालिटी एंड रिलायबिलिटी के आजीवन सदस्य भी हैं।

डॉ. श्रीनिवास राव ने इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), तेलंगाना स्टेट सेंटर से प्रख्यात इंजीनियर के रूप में सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया पुरस्कार प्राप्त किया है। इन्होने कई डीआरडीओ पुरस्कारों को भी प्राप्त किया है जिनमें 2005 में आत्म निर्भरता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अग्नि पुरस्कार, 2006 में अग्रणी अनुसंधान/उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी विकास के लिए डीआरडीओ पुरस्कार, 2009 में आत्म निर्भरता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अग्नि पुरस्कार शामिल हैं। इन्हें 2019 में एंटी सैटेलाइट मिसाइल के सफल नेतृत्व के लिए सौर शक्ति पुरस्कार, 2019 में जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-विशिष्ट फेलो पुरस्कार और वर्ष 2019-2020 के लिए एसएई इंडिया-"रोल ऑफ ऑनर" फाउंडेशन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।

डॉ. वाई श्रीनिवास राव 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस परेड में ए-सैट "शक्ति मिशन" के लिए सैन्य कमान का नेतृत्व करने वाले पहले वैज्ञानिक हैं।

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