डॉ.सुधीर चांदना
डॉ.सुधीर चांदना
निदेशक, नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास)

डॉ. सुधीर चाँदना, वैज्ञानिक 'जी' ने दिनांक 01 अक्तूबर 2023 से निदेशक इनमास, डीआरडीओ दिल्ली का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वह दिसंबर 1990 में डीआरडीओ में शामिल हुए और अगस्त 1993 तक डीआरडीओ ग्वालियर में कार्यरत रहे, जिसके पश्चात वह इनमास दिल्ली में स्थानांतरित हो गए।

डॉ. चाँदना ने हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार, भारत (एचएयू, हिसार, इंडिया) से आनुवांशिक विज्ञान (Genetics) में मास्टर डिग्री तथा दिल्ली विश्वविद्यालय से जैव चिकित्सा अनुसंधान में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।

डॉ. चाँदना का रुचिकर प्राथमिक क्षेत्र विशेष रूप से विकिरण प्रतिरोधक विधियों का विकास तथा सीबीआरएनई अनुसंधान रहा है। उन्होंने विकिरण सुरक्षा के लिए नवीन औषधि क्षेत्र, विकिरण जोखिम मूल्यांकन हेतु आणविक बायोमार्कर और विकिरण स्वास्थ्य जोखिम मूल्यांकन की खोज के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है।

डॉ. चाँदना ने जैविक विकिरण सुरक्षा अनुसंधान में कई विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) के साथ-साथ टीडी परियोजनाओं का नेतृत्व किया है। कीट प्रणाली में स्वाभाविक रूप से मौजूद 'हाईपर रेडियो प्रतिरोध’ के सिग्नलिंग तंत्र पर उनके पथप्रदर्शक शोध ने वैश्विक मान्यता अर्जित की है। उनकी प्रयोगशाला ने विकिरण के संपर्क में आने वाले विषयों में दीर्घकालिक स्वास्थ्य खतरों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव के साथ के साथ ‘विकिरण- प्रेरित कैंसरजनन’ को समझने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल ही में, उनकी टीम विकिरण जोखिम का पता लगाने के लिए नवीन उच्च प्रवाह (थ्रूपुट) परीक्षण और आणविक बायोमार्कर विकसित करने में सफल रही है। इन विभिन्न अनुसंधान एवं विकास योगदानों ने नवीन औषधि परीक्षणों तथा तीव्र ‘क्षेत्र-उपयोग’ परीक्षणों के विकास को जन्म दिया है, जिसका उद्देश्य सामूहिक रूप से विकिरण परिदृश्यों के दौरान सैन्यदलों व नागरिकों की रक्षा करना और बड़े पैमाने पर विकिरण आपातकालीन तैयारी हेतु देश को उन्नत करना है।

प्रकाशित शोधपत्र: प्रकाशन में कई अंतर्राष्ट्रीय शोधपत्र (>70) शामिल हैं जैसे रेडिएशन रिसर्च (आरआरएस- यूएसए), इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रेडिएशन बायोलॉजी, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रेडिएशन ऑन्कोलॉजी बायोलॉजी- फिजिक्स, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोकेमिस्ट्री एंड सेल बायोलॉजी, साइंटिफिक रिपोर्ट्स (नेचर पब्लिशिंग ग्रुप) कैंसर एंड मेटास्टेसिस रिव्यू, बायोचिमका एट बायोफिजिका एक्टा (बीबीए-जीईएन), न्यूक्लिक एसिड रिसर्च, डीएनए रिपेयर कैंसर लेटर्स, कार्सिनोजेनिसिस, सेल साइकल, माइटोकॉन्ड्रियन, एसीएस-ओमेगा, हेल्थ फिजिक्स, बायोमैक्रोमोलेक्युलस इत्यादि।

विकिरण जैव विज्ञान के क्षेत्र में उनके मार्गदर्शन में 15 से अधिक शोधकर्ताओं ने पीएचडी की उपाधि ग्रहण की है तथा प्रयोगशाला के भूतपूर्व छात्र विभिन्न देशों में अग्रणी वैज्ञानिक पदों पर कार्यरत हैं।

डॉ. चाँदना ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा विकिरण जीवविज्ञान संस्थान (एस्सेन जर्मनी, सितंबर 1994-फरवरी1995) तथा विकिरण सुरक्षा अनुसंधान केंद्र (स्टॉकहोम यूनिवर्सिटी, स्टॉकहोम स्वीडन: सितंबर-दिसंबर 2008) में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में भी काम किया है। वह अल्पमात्रिक विकिरण प्रभावों (2012-15) में अनुसंधान के लिए विकिरण सुरक्षा अनुसंधान केन्द्र (सीआरपीआर), स्टॉकहोम विश्वविद्यालय ( स्वीडन) सहित इनमास के अंतर्राष्ट्रीय समझौता ज्ञापन में प्राथमिक सहयोगी भी रहे हैं।

2009 में, डॉ. चाँदना को नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर एंड्रयू शेली, यूएसए की प्रयोगशाला के साथ सहयोग करने हेतु आमंत्रित किया गया था तथा संयुक्त अध्ययन कोशिका चक्र (सेल साइकल) में प्रकाशित हुआ है। वह 2016 - 2021 के लिए यूरोपीय आयोग के “विकिरण सुरक्षा अनुसंधान कार्यक्रम” के विशेषज्ञ पैनल में सदस्य रहे हैं। उन्हें प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक मंचों पर भी आमंत्रित किया गया है जैसे- इंटरनेशनल काँग्रेस ऑफ रेडिएशन रिसर्च (आईसीआरआर-2011: वारसॉ, पोलैंड ; सीआरआर-2023, मॉन्ट्रियल, कनाडा ) यूरोपीय विकिरण अनुसंधान सोसाइटी (ईआरआरएस-2014, रोड्स आइलैंड ग्रीस), विकिरण सुरक्षा अनुसंधान केंद्र (सीआरपीआर), स्टॉकहोम विश्वविद्यालय (स्वीडन), 2016 व्यक्तिगत विकिरण संवेदनशीलता पर यूरोपीय आयोग की कार्यशाला (2018; माल्टा यूरोप ),अंतर्राष्ट्रीय विकिरण सुरक्षा संघ (आईआरपीए 2020-21), इत्यादि।

सीबीआरएन रिसर्च में उच्च शिक्षा में योगदान देते हुए, वह डॉ. बी. आर. अंबेडकर जैव चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (एसीबीआर), दिल्ली विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ साइन्स जैव चिकित्सा विज्ञान के लिए ‘रेडिएशन बायोलॉजी एंड ऑन्कोलॉजी’ पर इनमास संकाय द्वारा विशेष रूप से संचालित एक पूर्ण सेमेस्टर पाठ्यक्रम के संयोजक रहे।

डॉ. चाँदना ने कोविड-19 महामारी 2020-21 के दौरान इनमास द्वारा कोविड आपातकालीन सेवाओं का नेतृत्व किया, अत्याधुनिक बीएसएल 3 सुविधा का संस्थापन, प्रभावी कोविड निदान सेवाएँ प्रदान करने के साथ-साथ कोविड-19 की रोकथाम हेतु उपचारात्मक औषधि विकास जैसी गतिविधियों की जिम्मेदारियों को भी सँभाला ।

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