डॉ. (श्रीमती) रंजना नल्लामल्ली
डॉ. (श्रीमती) रंजना नल्लामल्ली
निदेशक डीएफटीएम

डॉ. (श्रीमती) रंजना नल्लामल्ली, उत्कृष्ट वैज्ञानिक ने वर्ष 1993 में एनएसटीएल, विशाखापत्तनम से डीआरडीओ में शामिल हुई तथा उन्होंने कई नौसेना प्रणालियों जैसे कि आईडीएसएसीएस और एईटी के लिए नौसेना हथियार सॉफ्टवेयर कार्याक्रमों जैसे कि आईटीएस पर काम किया। 2001 में, एएसएल, हैदराबाद में स्थानांतरण के बाद, उन्होंने अग्नि प्रणाली के एकीकरण पर काम किया। बाद में उन्होंने सिस्टम सॉफ्टवेयर के स्वतंत्र सत्यापन एवं प्रमाणन (आईवी एंड वी) के प्रबंधन हेतु एएसएल में सॉफ्टवेयर गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग (एसक्यूएडी) की स्थापना की। 2011 में, उन्हें विश्वसनीयता एवं गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग के उप प्रौद्योगिकी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। इन्होंने 2007 से 2013 तक एएसएल में आईटी सिस्टम की अतिरिक्त जिम्मेदारी को भी निभाया तथा पीएलएम जैसे उद्यम समाधानों को क्रियान्वित किया और एएसएल डेटा सेंटर की स्थापना की।

ये भौतिकी में स्नातक और कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर है, इन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में पत्रों को प्रकाशित किया हैं। इन्होंने कंप्यूटर विज्ञान में मिशन क्रिटिकल सॉफ्टवेयर के औपचारिक सत्यापन के क्षेत्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है।

एसडीएलसी दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक संयोजक के रूप में, सॉफ्टवेयर विकास हेतु डीआरडीओ मानक (डीएसएसडी) को विकसित करने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इन्होंने ही डीआरडीओ सॉफ्टवेयर आईवी एवं वी की नीति को लिखा है। डीआरडीओ मुख्यालय में एसएएमसी के सहायक निदेशक के रूप में, उन्होंने कई प्रणालियों का अध्ययन किया तथा 'सिस्टम एनालिसिस फ्रेमवर्क' की स्थापना की। इसके बाद, डीक्यूआर एंड एस में सहायक निदेशक के रूप में, वे संपूर्ण डीआरडीओ में सॉफ्टवेयर नीतियों तथा डीएसएसडी के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल थी।

वर्ष 2007 में अग्नि III के सफल उड़ान परीक्षण में, ये 'पाथ ब्रेकिंग टेक्नोलॉजी ग्रुप' से सम्मानित की गई टीम का हिस्सा रही थी। उन्हें 2008 में, उनके सॉफ्टवेयर गुणवत्ता आश्वासन प्रभाग की स्थापना में किए गए कार्यों के लिए एएसएल में प्रौद्योगिकी दिवस पुरस्कार प्रदत्त किया गया था। वर्ष 2012 में, पीएलएम और ईएसएस के सफल कार्यान्वयन के लिए इन्हें एएसएल प्रौद्योगिकी समूह पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

उन्हें अगस्त 2019 में, नए स्थापित किए गए 'प्रणाली एवं प्रौद्योगिकी विश्लेषण निदेशालय (डीएसटीए)' में निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।

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