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श्री प्रतीक किशोर

श्री प्रतीक किशोर

श्री प्रतीक किशोर

उत्कृष्ट वैज्ञानिक एवं महानिदेशक - आयुध एवं युद्धक अभियांत्रिकी प्रणाली (एसीई)

श्री प्रतीक किशोर, उत्कृष्ट वैज्ञानिक ने 01 फरवरी 2024 को महानिदेशक (एसीई) के रूप में कार्यभार संभाला। इन्होंने 01 दिसंबर 2020 से 31 जनवरी 2024 तक निदेशक, टीबीआरएल के रूप में कार्य किया था। इन्होनें 1989 में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि की और 2017 में पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में एम. टेक. की उपाधि प्राप्त की। इन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी (आईएमटी), गाजियाबाद से आप्रेशन मैनेजमेंट में विशेषज्ञता के साथ एमबीए की उपाधि प्राप्त की ।

ये डीआरडीओ में 1991 में वैज्ञानिक 'बी' के पद पर चरम प्राक्षेपिकी अनुसंधान प्रयोगशाला (टी बी आर एल) में शामिल हुए और जुलाई 2018 में उत्कृष्ट वैज्ञानिक/ वैज्ञानिक 'एच' के पद पर पहुंचे। इस बीच इन्होंने प्रमुख, प्रोग्राम ऑफिस (मिसाइल) के रूप में अगस्त, 2014 से जनवरी, 2016 तक सभी प्रकार की सामरिक मिसाइलों के विकास का समन्वय करते हुए डीआरडीओ, मुख्यालय में भी काम किया । इन्होंने 04 दिसंबर, 2019 से 30 नवंबर, 2020 तक योजना और समन्वय निदेशालय, डीआरडीओ मुख्यालय, नई दिल्ली के निदेशक के रूप में भी काम किया, जहां इन्होंने डीआरडीओ के विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजनाओं की योजना और निगरानी में योगदान दिया। इनका प्रमुख योगदान कार्यक्रमों और परियोजनाओं की ऑनलाइन निगरानी शुरू करना और परियोजना निर्माण और प्रबंधन (पी पी एफ एम) के लिए प्रक्रियाओं में संशोधन करना था।

उन्होंने एंटी-आर्मर अनुप्रयोगों के लिए शेप्ड चार्ज और एक्सप्लोसिवली फॉर्मेड पेनेट्रेटर वॉरहेड्स के डिजाइन और विकास, मिसाइलों के लिए वॉरहेड्स के डिजाइन, विस्फोटक फॉर्मूलेशन के विकास और सिस्टम इंजीनियरिंग में अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में 50 से अधिक पत्र प्रकाशित किए हैं। इन्होंने पेरिस में एम.टी.सी.आर चर्चा के दौरान डीआरडीओ का प्रतिनिधित्व किया । इन्होंने यूएसए और जर्मनी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में पेपर प्रस्तुत किए हैं। इन्होंने रक्षा उपकरणों और प्रौद्योगिकियों में सहयोग के संभावित क्षेत्रों को विकसित करने के लिए वियतनाम में संयुक्त डीआरडीओ-बी डी एल प्रतिनिधिमंडल का भी नेतृत्व किया।

इनके तकनीकी योगदान के लिए इन्हें नीचे दिेए गए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।

  • डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट अवार्ड (2002)
  • डीआरडीओ साइंटिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड (2011)
  • डीआरडीओ अवार्ड फॉर पाथ ब्रेकिंग रिसर्च / आउटस्टैंडिंग टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट (2007)
  • स्ट्रैटेजिक कंट्रीब्यूशन (2009, 2012 एवं 2016)

ये एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य हैं और हाई एनर्जी मटीरियल्स सोसाइटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य हैं। वह एच ई एम एस आई के चंडीगढ़-दिल्ली चैप्टर के अध्यक्ष और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, पिंजौर-कालका-परवाणू क्षेत्र के अध्यक्ष भी हैं। इन्हें एमिटी यूनिवर्सिटी,हरियाणा द्वारा मानद प्रोफेसर की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

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