परियोजना मंजूरी की प्रक्रिया

  • इस योजना के अंतर्गत अनुसंधान तथा विकास परियोजनाओं का गठन निम्नानुसार किया जाना है :
    • राष्ट्रीय आवश्यकताओं के हित के लिए परियोजनाओं (विशेष रूप से रक्षा जरूरतों के लिए) का गठन एलएसआरबी द्वारा किया गया जिसे विश्वविद्यालयों/संस्थानों/उद्योग इत्यादि का संदर्भ दिया जाता है ।
    • जैव विज्ञान तथा संबद्ध क्षेत्र में अनुसंधान, विकास के प्रस्तावों को विश्वविद्यालयों/अनुसंधान संस्थानों/उद्योग इत्यादि द्वारा प्रस्तुत करना ।
  • सभी प्रस्तावों को एलएसआरबी के उपयुक्त विशेष पैनल को भेजा जाएगा । परियोजनाओं/योजनाओं के ऐसे मामले जिसके लिए कोई एकल विशेष पैनल की पहचान नहीं की जा सकता वहां सचिव कम से कम 04 विशेषज्ञों वाली एक तदर्थ समिति/ विशेष पैनल जिसमें पैनलों की समन्वयक/सदस्यगण, का गठन करेगा । सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए इस तदर्थ समिति को एक विशेष पैनल के रूप में माना जाएगा ।
  • पैनल का सिफारिशों के आधार पर प्रस्तावों के निर्णय हेतु इसे एलएसआरबी को प्रस्तुत किया जाएगा । एलएसआरबी अनुमोदित मामलों के लिए सदस्य सचिव, एलएसआरबी मंजूरी पत्रों को जारी करेगा ।
  • विभिन्न शीर्ष जनशक्ति, उपस्कर, संभाव्य स्थिति इत्यादि के मध्य परियोजना की समेकित लागत में वृद्धि किए बिना निधियों का पुनर्विनियोजन तथा संबंधित प्राधिकारियों द्वारा लागत तथा पीडीसी का संशोधन करना ।
  • वर्ष- वार विस्तृत विश्लेषण सहित कुल अनुमानित लागत के साथ संपूर्ण अनुमोदित अवधि के लिए परियोजनाओं की मंजूरी दी जाएगी । इसके लिए हालांकि अनुदान का भुगतान वर्ष में किया जाएगा ।
  • इस योजना के प्रशासन तथा पृथक लेखाओं के रखरखाव आदि के लिए विश्वविद्यालय, संस्थान आदि उत्तरदायी होंगे । अनुदान का व्यापक रूप से उस प्रयोजन के लिए उपयोग किया जाएगा जिसके लिए इसे मंजूर किया जाता है । बाद के वर्षों के लिए निधियां समुचित पैनल की सिफारिशों पर आधारित संतोषजनक प्रगति और (i) वार्षिक प्रगति रिपोर्ट (प्रपत्र 02 में दिया है) तथा (ii) लेखाओं का विवरण तथा (iii) संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित उपयोगिता प्रमाण पत्र (प्रपत्र 09 में दिया है) प्रस्तुत करने पर जारी की जाएगी । एलएसआरबी के पास अनुदान के समुचित रूप से उपयोग नहीं होने पर या प्रगति अपर्याप्त रहने पर किसी भी चरण में अनुदान समाप्त करने का अधिकार सुरक्षित है । पीडीसी के विस्तार तथा अधिक लागत का अनुरोध संबंधित पैनल समन्वयक के द्वारा एलएसआरबी को भेजा जाना चाहिए । विश्वविद्यालय/संस्था द्वारा रखी गई लेखाएं विश्वविद्यालय/संस्था के लेखापरीक्षकों के लेखा परीक्षा के अधीन होंगी । परियोजना के समाप्त होने पर मेजबान संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा विधिवत प्रमाणित लेखाओं का सामान्य विवरण सौंपा जाएगा और मंजूर निधियों के अव्ययित शेष, यदि कोई हो, सीडीए (अनुसंधान एवं विकास), नई दिल्ली को वापस किया जाएगा और डिमांड ड्राफ्ट सदस्य सचिव, एलएसआरबी को अग्रेषित किया जाए । हालांकि लेखाओं को मेजबान संस्थान के लेखापरीक्षकों द्वारा विधिवत लेखापरीक्षित प्रति के प्राप्त होने पर अंतिम रूप से बंद कर दिया जाएगा ।
  • परियोजना को मंजूरी पत्र की तारीख से चालू माना जाएगा ।
  • परियोजना के चलने के दौरान, संबंधित संस्था अनुसंधान तथा विकास संगठन के वैज्ञानिकों/एलएसआरबी के विशेषज्ञ पैनलों के उन सदस्यों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी जो परियोजना के उद्देश्यों को समय पर प्राप्त करने के लिए संस्था का दौरा करते हैं । अन्वेषक (अन्वेषकों) परामर्शों, संगोष्ठी/परिसंवादों आदि के लिए देश के भीतर समुचित अनुसंधान एवं विकास स्थापना का दौरा कर सकते हैं बशर्ते ऐसे दौरों का परियोजना से सीधा संबंध हो और यात्रा भत्ता (टीए)/दैनिक भत्ता (डीए) का नियंत्रण संस्था के अंदर उसकी सामान्य हकदारी के अनुसार किया जाएगा । ऐसे दौरों की रिपोर्ट सचिव, एलएसआरबी को सौंपी गई परियोजना की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट में की जाएगी ।
  • सहायता अनुदान परियोजनाओं के अंतर्गत विकसित उत्पादों/प्रक्रियाओं का मूल्यांकन समुचित विशेषज्ञ पैनल या एलएसआरबी के संबंधित पैनल द्वारा नियुक्त अनुवीक्षकों द्वारा किया जाएगा । विशेषज्ञ पैनल/अनुवीक्षकों के यात्रा भत्ता (टीए)/दैनिक भत्ता (डीए) का भुगतान मेजबान संस्था द्वारा परियोजना अनुदान से किया जाएगा ।
  • मूल रूप से मंजूर अवधि के बाद परियोजनाओं को जारी रखने की अनुमति किए गए कार्य तथा विस्तार के औचित्य का विधिवत मूल्यांकन करने के बाद केवल आपवादिक परिस्थितियों में किया जाएगा ।
  • अनुदान को पूर्ण या आंशिक रूप में एलएसआरबी द्वारा किसी भी समय प्रतिसंहरण (रद्द) किया जा सकता है ।
  • जब किसी परियोजना की मंजूरी किसी संस्था को दी जाती है तो संस्था का प्रमुख अनुदान लागू करने के लिए वित्तीय नियंत्रण प्राधिकारी होगा ।

संगोष्ठियों/परिसंवादों/प्रस्तुतीकरण आदि के संचालन के लिए मंजूरी प्रक्रिया

  • परियोजना की आवश्यकता के अनुसार एलएसआरबी संगोष्ठियों/परिसंवादों/प्रस्तुतीकरण आदि के संचालन के लिए वित्तीय सहायता हेतु प्रस्तावों को भी प्राप्त करेगा । इस संबंध में प्रस्तावों को निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-04) में कम-से-कम 3 महीने पहले परन्तु यदि विदेशी विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाता है तो 6 महीना पूर्व प्रधान अन्वेषक द्वारा सचिव, एलएसआरबी प्रस्तुत किया जाएगा ।
  • प्रस्ताव जिसे दो प्रतियों में प्रस्तुत किया जाना चाहिए, के प्राप्त होने पर बोर्ड सचिवालय विशेषज्ञों के पैनल के परामर्श से प्रस्ताव की संवीक्षा करेगा । पैनल की सिफारिश के आधार पर सचिव एलएसआरबी द्वारा मंजूरी प्रदान की जाएगी । प्रस्तावित संगोष्ठी/परिसंवादों के समापन पर आयोजक संबंधित क्रियाकलाप से संबंधित तकनीकी दस्तावेजों सहित विस्तृत रिपोर्ट देगा और इसे संगोष्ठी/परिसंवादों आदि के समापन के बाद एक महीने के अंदर संबंधित संस्था के कार्यकारी प्राधिकारी द्वारा सत्यता प्रमाणित कर व्यय का विवरण सचिव, एलएसआरबी को प्रस्तुत करेगा । तत्पश्चात मेजबान संस्था के लेखापरीक्षकों द्वारा लेखापरीक्षित लेखाओं की प्रति प्रस्तुत की जाएगी । भारत में सम्मेलनों/परिसंवादों/ कार्यशालाओं में शामिल होने के लिए विदेश से प्रसिद्ध वैज्ञानिकों/प्रौद्योगिकीविदों को आमंत्रित करने के लिए सहायता अनुदान के लिए प्रक्रिया ।
  • प्रतियों में प्रस्ताव संपूर्ण सूचना के साथ सचिव, एलएसआरबी को भेजा जाना चाहिए जैसा कि प्रपत्र-04 में निर्धारित है । प्रस्ताव में आमंत्रित की व्यावसायिक पृष्ठभूमि तथा संबंधित एलएसआरबी परियोजना के उस क्षेत्र में उनके योगदान/उपलब्धियों को स्पष्ट किया जाना चाहिए जिसके लिए संगोष्ठी का आयोजन किया जाता है । चल रही परियोजना के आमंत्रण की प्रासंगिकता स्पष्ट रूप से स्पष्ट की जानी चाहिए । अगर किसी डीआरडीओ प्रयोगशाला/स्थापना के दौरे पर विचार किया जाता है तो यह भी स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए ताकि सुरक्षा लिहाज से अनुमति सुनिश्चित की जा सके । संगोष्ठी/ सम्मेलन आदि के आयोजन के बाद प्रपत्र 04 में दिए गए उपयोगिता प्रमाण पत्र को इस कार्यालय में जमा कराना आवश्यक है ।

विदेशों में प्रतिनियुक्ति हेतु सहायता अनुदान की स्वीकृति के लिए प्रक्रिया

  • एलएसआरबी, परियोजना में किए गए कार्यों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में पत्र प्रस्तुति के लिए, जो चल रही परियोजनाओं के लिए प्रासंगिक हो, जैव वैज्ञानिकों के, उन्नत जैव विज्ञान अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं के दौरे हेतु प्रतिनियुक्ति की लागत को पूरा करने के लिए प्रस्ताव प्राप्त करेगी । संबंधित संस्थानों द्वारा इस संबंध में प्रपत्र 5 में प्रस्ताव की दस प्रतियां सचिव को तीन महीने पहले प्रस्तुत की जाएं ।
  • एकीकृत वित्त के परामर्श से विशेषज्ञ पैनल एवं सदस्य सचिव, एलएसआरबी की संस्तुति पर विदेशों में प्रतिनियुक्ति के प्रस्तावों का अनुमोदन सचिव, रक्षा विभाग अनुसंधान एवं विकास और अध्यक्ष डीआरडीओ द्वारा किया जाएगा ।
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