- कीटशास्त्र-विषयक और वेक्टर जनित बीमारियों पर महामारी विज्ञान के पहलुओं का अध्ययन और उनके नियंत्रण के उपायों का विकास करना
- जल गुणवत्ता का परीक्षण और निगरानी करना
- जल प्रदूषकों की निगरानी और उनका निष्कासन करना
- खरपतवार और कीटों हेतु एकीकृत नियंत्रक उपाय करना
- वेक्टर जनित बीमारियों और अन्य बीमारियों हेतु उत्तरी-पूर्वी (एनई) भारत की जैव-विविधता का उपयोग करना
- माइक्रोबियल बायोडिग्रेडेशन, मानव एवं कृषि अपशिष्ट तथा उचित और किफायती प्रौद्योगिकी के विकास पर अध्ययन
- वेक्टर जनित रोगाणुओं हेतु आणविक पहचान प्रौद्योगिकी
- पादप ऊतक संवर्धन तथा फाइटोकैमिस्ट्री
- उच्च उन्नतांश सुरक्षात्मक कृषि पर अध्ययन
- मशरूम का उत्पादन और प्रशिक्षण की सुविधा
- अपशिष्ट को कम करने हेतु कार्बनिक ठोस अपशिष्ट से वानस्पतिक खाद बनाना (वर्मीकंपोसिटिंग सहित)
- मलेरिया के प्रबंधन हेतु आरएस और जीआईएस का अनुप्रयोग
- प्रयोगशाला और देश के किसी दूसरे स्थान पर उपलब्ध विशेषज्ञता का परामर्श, प्रशिक्षण और प्रसार
- निम्नलिखित अनुसंधान प्रतिष्ठानों और अकादमिक संस्थान के साथ डीआरएल के घनिष्ठ पारस्परिक विचार-विमर्श और सहयोग है:
- एनइएचयू
- असम विश्वविद्यालय
- गुवाहाटी विश्वविद्याल
- आआईटी गुवाहाटी
- सेना / वायु सेना / नौसेना / अर्धसैनिक बल
- स्थानीय प्रशासनिक निकाय इत्यादि
- सामयिक एमओयू निम्नलिखित विश्वविद्यालयों के साथ हैं:
- डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय
- गुवाहाटी विश्वविद्यालय
- जिवाजी विश्वविद्यालय
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